Tuesday 17 April 2007

आदर्णीय बन्धुगन सुस्वागतम !

सम्पूर्ण मैथिल प्रेमी मे हम अजित कुमार झा क नमस्कार ।

बिस्तृत परिचयक क्रम मे बढल जाय त हमर गाम धनुषा जिल्ला अक दुहबी गा बि स वडा न ६ गोब्राहि अछि ।
हाल हम लण्डन मे अध्ययन क रहल छी । गाम स दूर रहबाक कारण मिथिला आ मैथिल स सम्बन्धित कोनो बस्तु पहिले स आओर बेशी मह^त्^व्पूर्ण
भ गेल अछि ।
Unicode converter अक मद्दत स पहिले बेर मैथिली मे किछु लिख्बाक प्रयास काने छी ।
यही कार्यक लेल हमरा प्रेरित् कर्निहार आदर्णीय श्री पद्म्नाभ मिश्रा जी एंब श्री ईन्द्र कान्त लाल जी आ श्री राजीव रंजन लाल जी के कोटि कोटि धन्यबाद अछि।
बेशी स बेशी लेख-रचना सब लिख्बाक प्रेशित करबाक संकल्प लैत आ कोनो तरहक त्रुटी अक लेल क्षमा मांगैत छी ।
धन्यवाद!

5 comments:

Rajeev Ranjan Lal said...

एक से दस तक सिखै में सब के दिक्कत होयत छैक, पर एक बेर सिखला के बाद ग्यारह से सौ आ फेर सौ से हजार केना लोग बुझ जायत छैक से पता नहि चलि पाबैत छैक। अहाँ शुरुआत केलियेक तेकर स्वागत। अखन कनेक बेजाय सेहो चलतैक, मुदा बाद में कियो अहाँ के हाथ पकड़ै बला नहि रहत जौं अहाँ चाहब त’। से हमर शुभकामना, लागल रहु आ मैथिल के एकटा उच्च स्थान पर स्थापित करियौक।

Niket Kumar said...

oh my god, u guys are really working hard to keep maithili going!

all the best!

Abhishek Mishra said...

"तड़प रहे हैं कोटी-कोटी ग्राम देवता
अक्षत और जल के बिना ही नग्न मूर्छित हो,
सूखी आंत, मींचे दांत, पथ्राये हुए नैन
टकटकी लगाए हैं, पाटने कि ओर, दिल्ली कि ओर ।"
-- अमोघ
-- तार स्वर शीर्षक से (मैं तो तेरे पास में)

Abhishek Mishra said...
This comment has been removed by the author.
Dr. Dhanakar Thakur said...

neek likhalanhu achhi.
Likhait rahu.
Hamra Unicode Maithili me likhay nahee abit achhi tain Roaman(English) me likhait chee- ona anhak Maithili me likhal ham rahi lelnhu.
Dr. Dhanakar Thakur
Pravakta, Antarrashtriya Maithili Parishad

Hum maithil ! Hamar mithila